नए जमाने के युवा भले ही सुनील दत्त को संजय दत्त के पिता के रूप में जानें, मगर अपने दौर में सुनील दत्त की खास छवि थी। वह बॉलीवुड के हैंडसम और उम्दा कलाकारों में से थे। साथ ही वह समाज सेवी भी थे, जिनका पूरे देश में बहुत सम्मान था। लेकिन चाहे फिल्मी जिंदगी
एक तरफ सारा देश है जो कश्मीर फाइल्स की तारीफें करते नहीं थक रहा है और दूसरी तरफ बॉलीवुड के लोग हैं, सबके गाल लाल हैं लेकिन कोई भी इस फिल्म के बारे में एक शब्द तक नहीं लिख रहा। इन सबके बीच बॉलीवुड के अक्षय कुमार आते हैं और इस फिल्म की तारीफ में एक
विक्रम वेधा तमिल में बनी एक सुपर हिट फिल्म है जिसमें विक्रम का रोल आर माधवन ने किया था और वेधा बने थे विजय सेतुपति ।इसका रीमेक हिन्दी में बनाये जाने की बात हुई तो फिल्म के मेकर्स ने इसमें दो नेपोकिड्स को लेना ही ठीक समझा । रितिक और सैफ अली खान । अब हाल
दोस्तों लोकतंत्र में बड़ी ताकत होती है। लोकतंत्र में ताकत होती है यह बताने की, चीख-चीख कर कहने की कि वह चाहता क्या है? हमारे देश में जो भी होता है सब कुछ जनता की इच्छा से होता है। फिर चाहे करण जौहर, एकता कपूर को दी जा रही पद्मश्री पर उठे सवाल हों या फिर सूर्यवंशी के