मनोज बाजपेयी मंजे हुए एक्टर हैं। लेकिन उन्हें खास तौर पर शुरुआती वर्षों में मेन स्ट्रीम सिनेमा का एक्टर नहीं समझा गया। यही माना गया कि वह आर्ट फिल्मों के लिए उपयुक्त हैं। इस बात के लिए वह कई बार नाराज भी हुए। कई फिल्मों में स्ट्रांग कैरेक्टर होने के बावजूद उन्हें हीरो के रूप
सुभाष घई फिल्मों में आए तो ऐक्टर बनने के लिए थे। उन्होंने 1970 के दशक में ऐक्टिंग के एक टैलेंट हंट में हिस्सा लिया था और फर्स्ट थ्री में रहे थे। इस टैलेंट हंट में उनके साथ चुने गए एक्टरों में थे राजेश खन्ना और धीरज कुमार। फिल्म आराधना और तकदीर में उन्हें छोटे-छोटे रोल
हंसल मेहता आज भले ही बॉलीवुड के भरोसेमंद निर्देशक माने जाते हैं, लेकिन उनकी शुरुआती फिल्में ऐसे नाकाम हुई थीं कि वह इस इंडस्ट्री को छोड़ कर चले गए थे। आज शाहिद (2013) और अलीगढ़ (2015) जैसी फिल्मों से पहचाने जाने वाले हंसल ने पहली पारी में जयते, दिल पे मत ले यार, छल, ये
प्रदीप कुमार अपने समय के जाने माने सुपरस्टार थे। 1950-60 के दशक में उन्होंने काफी ऐतिहासिक और म्यूजिकल हिट फिल्में दी। जिनमें आंनद मठ, अनारकली, ताजमहल और बहू बेगम जैसी फिल्में शामिल हैं। वह हिंदी के साथ बांग्ला फिल्मों में भी काम करते थे और बाद में उन्होंने हॉलीवुड की गांधी में भी काम किया।
शाहरुख खान और काजोल बहुत अच्छे दोस्त हैं। लेकिन शाहरुख खान और काजोल के पति अजय देवगन एक-दूसरे को पसंद नहीं करते, इस मुद्दे पर अक्सर फिल्मी गलियारों और सिनेमा प्रेमियों के बीच चर्चा होती है। एक गुटखा विज्ञापन छोड़ दें तो उनकी आज तक एक साथ कोई फिल्म नहीं आई। जबकि दोनों ने लगभग
हिंदी फिल्मों में अपनी खामोश दहाड़ से सबको चुप करा देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा 1970 से 1975 तक कई फिल्मों में बतौर हीरो आ चुके थे, मगर उनके नाम पर कोई सोलो हिट नहीं थी। वह रात दिन मेहनत कर रहे थे और तीन-चार शिफ्टों में शूटिंग करते थे। दूसरी तरफ इसी दौर में सुभाष
दोस्तो एक तरफ ‘द कश्मीर फाइल्स’ के एक के बाद एक पॉजिटिव रिव्यूज आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कपिल शर्मा के झूठ को बेनकाब करने में एक बार फिर से विवेक अग्निहोत्री ने मदद की है। आप सभी जानते हैं कि विवेक अग्निहोत्री ने सबसे पहले ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी थी
बॉलीवुड में इन दिनों एक बात को लेकर काफी चर्चा हो रही है और जिसका सीधा ताल्लुक आप लोगों से है। जब मैं आप लोग कह रहा हूं तो आप वह हैं जो बॉलीवुड में नेपोटिज्म का विरोध करते आए हैं, जिन लोगों ने कहा है कि बॉलीवुड में पॉपुलर सरनेम वाले लोग नहीं चलने चाहिए।
विक्रम वेधा तमिल में बनी एक सुपर हिट फिल्म है जिसमें विक्रम का रोल आर माधवन ने किया था और वेधा बने थे विजय सेतुपति ।इसका रीमेक हिन्दी में बनाये जाने की बात हुई तो फिल्म के मेकर्स ने इसमें दो नेपोकिड्स को लेना ही ठीक समझा । रितिक और सैफ अली खान । अब हाल
यह एक ऐसी खबर है, जिसे पचाना थोड़ा मुश्किल लगता है। लेकिन जब बॉलीवुड का कोई खान या उसका कोई रिश्तेदार नेपोटिज्म पर बातें करे तो फिर आपको बताना तो बनता है। सलमान खान के परम प्रिय जीजाश्री हैं आयुष शर्मा जो फिल्म अंतिम में उनके साथ दिखने वाले हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने