उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार भू धसाव देखा जा रहा है। इमारतों की दरारें दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। 723 मकानों में दरारें देखी गई हैं जिनमें से 86 असुरक्षित भी हैं। वहीं लोग ऐसे हैं जो अभी भी राहत शिविर में जाने का इंतजार कर रहे हैं।
भूस्खलन के खतरे के बीच रह रहे लोगों का कहना है कि हम दिन रात अपने घर में हो रही दरारों को देखते रहते हैं और हमें यह डर सताता है कि हमारा घर कभी भी गिर सकता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने घर के सदस्यों को रिश्तेदारों के यहां पर ही लिया है क्योंकि वह किसी मुसीबत का सामना नहीं करना चाहते हैं।
कई लोग ऐसे हैं जो अपने घर की स्थिति को लेकर बहुत परेशान है लेकिन प्रशासन के असुरक्षित घोषित ना करने की वजह से वह वहीं पर रहने को मजबूर हैं। वहीं मामले में प्रशासन का कहना है कि घरों की स्थिति के आधार पर उन्हें असुरक्षित, बफर और सुरक्षित जोन में रखा गया है और दरारे बढ़ने के साथ कदम उठाए जा रहे हैं।