नीतीश कुमार को बिहार की सियासत का मंझा हुआ खिलाड़ी कहा जाता है। वो वहां की हर एक नब्ज को बहुत अच्छे से पहचानते हैं। यही कारण है कि बीते दो दशक से वह सत्ता की धुरी बने हुए नजर आ रहे हैं। इस साल बीजेपी का दामन छोड़ नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाई। लेकिन आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की ताजपोशी करने में लगे हुए थे।
सभी का कहना था कि नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप देनी चाहिए और दिल्ली कूच कर लेना चाहिए। लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी चाल से तेजस्वी यादव को 3 साल के लिए कुर्सी से दूर कर दिया है। इतना ही नहीं वह खुद को 2024 के चुनाव के लिए पेश भी कर चुके हैं और 2025 तक अब तेजस्वी यादव को सिंहासन पर काबिज होने के लिए इंतजार करना होगा।
नीतीश कुमार का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें उन्होंने महागठबंधन की बैठक में यह ऐलान किया कि 2025 के बिहार विधानसभा की कमान तेजस्वी यादव के हाथों सौंप दी जाएगी और उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। इससे यह साफ हो गया है कि वह 2025 में बिहार की कमान तेजस्वी को सौंपकर दिल्ली कूच करने वाले हैं। इस तरह से उन्होंने आरजेडी द्वारा तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जाने की मांग को ठंडा कर दिया है।