मौत, एक ऐसा शब्द जो कब किस रूप में किसी के भी जीवन का अंत कर दे नहीं कहा जा सकता। ऐसा ही एक युवक के साथ हुआ जो अपनी आंखो में बहन की शादी का सपना संजोए रेल यात्रा कर रहा था। विंडो सीट की इस सवारी ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया। उड़ता हुआ सब्बल खिड़की का कांच तोड़ते हुए हरिकेश की गर्दन में घुस गया और आस पास मौजूद यात्री समझ भी ना सकें की यहां क्या हुआ है।
ये पूरा मामला दिल्ली से लखनऊ आ रहे हरिकेश के साथ हुआ। हैरान कर देने वाली इस घटना में जहां दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया तो एक पत्नी की मांग सुनी हो गई। तीन दिन बाद हरिकेश के जन्मदिन से पहले ही मौत ने उसे गले लगा लिया।
अपनी बहन की शादी के लिए किसी काम से दिल्ली से नीलांचल एक्सप्रेस से लखनऊ जा रहे हरिकेश को इतना भी मौका नहीं मिला की वो खुद को बचाने की कोशिश कर पाता। जेब में कुछ निकालने के लिए हाथ डालने के बाद वो अपने हाथ बाहर भी नहीं निकाल सका। जानकारी के मुताबिक डावर रेलवे लाइन के पास काम चल रहा था। जिसे 10.30 बजे तक ब्लॉक किया गया था। लेकिन कर्मचारियों ने 8.30 से ही काम शुरू कर दिया और इसी लापरवाही ने एक जान छीन ली। जबकि रेलवे ट्रैक पर जब भी काम चलता है ट्रेन का परिचालन रोका जाता है या फिर ब्लॉकेज किया जाता है। लेकिन यहां ब्लॉकेज से पहले ही काम शुरू कर दिया गया था।
हरिकेश के पास बैठे सभी यात्री इस घटना से सहमे हुए हैं। घटना के बाद नीलांचल एक्सप्रेस को अलीगढ़ स्टेशन पर रोका गया और शव को उतरकर गर्दन से सब्बल निकाला गया। जेब में रखे कार्ड से पता चला कहा जा रहे थे इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई और पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घटना कैसे हुई इस बात का जवाब जीआरपी के पास भी नहीं था। मामले की जांच करने की बात कही जा रही है।