मकर संक्रांति समेत साल भर में कुल 12 संक्रांति पड़ती है। इसमें धनु संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है। ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश कर जाते हैं उसी दिन धनु संक्रांति मनाई जाती है। धनु संक्रांति के दिन से आने वाले 30 दिनों तक सभी शुभ कार्यों जैसे गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन पर रोक लग जाती है। इसे आम बोलचाल की भाषा में मलमास या खरमास भी कहा जाता है। इस साल 16 दिसंबर से मलमास का प्रारंभ होगा।
ऐसे लगता है मलमास
हिंदू पंचांग के मुताबिक 12 संक्रांति होती है। सूर्य जब धनु और मीन राशि में होते हैं तो इस काल को मलमास या खरमास कहा जाता है। इस समय सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है यानी यह वर्जित होते हैं।
क्यों लगती है शुभ कार्यों पर रोक
देव गुरु बृहस्पति को सभी राशियों का स्वामी कहा जाता है। गुरु का अपनी ही राशि में प्रवेश जातकों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस वजह से कुंडली में सूर्य कमजोर हो जाता है और इसका स्वभाव उग्र हो जाता है। यही वजह है कि इसे मलमास कहा जाता है और शुभ कार्यों पर पाबंदी होती है।
मलमास में ना करें ये काम
मलमास में शादी विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसा किया जाता है तो भावनातनक और शारीरिक सुख नहीं मिलते हैं। इस समय में मकान निर्माण या खरीदारी नहीं की जाती है। इस वक्त तैयार किए गए मकान कमजोर होते हैं और इनमें रहने का सुख नहीं मिल पाता है। नया व्यापार भी इस समय में शुरू नहीं किया जाता क्योंकि इससे लाभ मिलने की संभावना खत्म हो जाती है। इस दौरान मुंडन और कर्णवेध से काम भी नहीं किए जाते क्योंकि इससे रिश्ते खराब होने का डर होता है। इस समय में धार्मिक अनुष्ठान भी निषेध होते हैं।