कभी कभी हमारे सामने कुछ ऐसी कहानियां सामने आती है, को किसी फिल्म से कम नहीं होती है। जरा सोचिए 5 साल की उम्र में लापता हुआ एक बच्चा जब 25 साल बाद अपने परिवार को वापस मिल जाए तो इस परिवार को कितनी खुशी होगी। ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के एक गांव के रहने वाले सरू की, जो 5 साल की उम्र में गुम हो गया और ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया लेकिन 25 साल बाद आखिरकार वो अपने परिवार के पास पहुंचा और उनकी पूरी जिंदगी को बदल डाला।
सरू खंडवा जिले के पास गांव गणेश तिलाई लाई में रहता था। छोटी उम्र में ही पिता मां को छोड़ कर चले गए थे। मां मजदूरी करके पूरा परिवार चला रहे इसी जद्दोजहद में भाई के साथ स्टेशन पर भीख मांगने लगा। 1 दिन खंडवा से बुरहानपुर की ओर जाने वाली किसी ट्रेन में चढ़ा और सीट पर ही सो गया। भाई ने वादा किया था कि स्टेशन पर उतरने के बाद वह वापस लौट आएगा लेकिन नहीं आया। सरू ने ट्रेन से उतरने की कोशिश करी लेकिन नहीं उतर पाया और 1500 किलोमीटर दूर हावड़ा स्टेशन पहुंच गया।
वहां पर कुछ अजीब किस्म के लोग उसे अपने साथ ले जाना चाहते थे लेकिन उनसे बचता बचाता यह दो लड़कों के साथ अनाथालय पहुंचा। इसके बाद उसे ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया और वहां से उसने बिजनेस और मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की। ऑस्ट्रेलिया में रहने के बावजूद भी उनका दिल अपने देश भारत के लिए धड़क रहा था और वह लगाता इंटरनेट के माध्यम से अपने परिवार की खोज कर रहे थे। 2011 में उन्हें खंडवा की जानकारी लगी और वहां के फेसबुक ग्रुप के माध्यम से वो अपने परिवार से वापस मिल सके। अपने परिवार से मिलने के बाद सरु ने उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने का काम शुरू कर दिया।