केंद्र सरकार कट्टरवादी विचारधारा को लेकर हमेशा ही सख्त रवैया अपनाती है। एक बार फिर केंद्र ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वहां की जेलों में जितने भी कट्टरवादी कैदी रहते हैं उन्हें अलग रखा जाए। नकारात्मक रूप से प्रभाव डालने वाले कैदियों का अलग रखा जाए ताकि दूसरों पर उनका असर ना हो।
केंद्र की ओर से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखी गई चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि राज्य के अधिकारियों को डीरेडिकलाइजेशन पर एक विशेष सत्र का आयोजन करना चाहिए। वहीं जो कैदी ड्रग्स और स्मगलिंग जैसी चीजों से जुड़े हुए हैं उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा जाना चाहिए।
इसी के साथ सभी जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने और विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के खाली पड़े पदों को भरने का अभियान शुरू करने की अपील भी की गई है।