दोस्तो, सोशल मीडिया पर मेरी नजर पड़ी है छोटे बच्चों के वीडियोज पर और यह वीडियो बनाए गए हैं, गंगूबाई काठियावाड़ी के ट्रेलर में जो डायलॉग सुनाए गए हैं, उन पर। यह बच्चे काफी मासूम हैं, नादान हैं, शायद इस बात का मतलब भी नहीं जानते कि गंगूबाई काठियावाड़ी क्या काम करती थी और जाहिर है इन बच्चों ने जो वीडियो बनाए हैं, अपनी मर्जी से नहीं बनाए।
उनके मां-बाप की मर्जी से बनाए हैं और ज्यादा करके उनके मां-बाप ने ही यह वीडियो शूट किए और उन्हें सोशल मीडिया पर डाला है। सवाल यह उठता है कि अगर इनका बच्चा आउट ऑफ क्यूरिऑसिटी यह पूछता है कि यह फिल्म क्या है, उसे यह फिल्म देखनी है, उसे जानना है कि गंगूबाई काठियावाड़ी कौन है या थी, क्या काम करती थी और उस काम का मतलब क्या होता है तो क्या यह मां-बाप अपने बच्चों को इन बातों का मतलब समझा पाएंगे। क्या वे बच्चों को बता पाएंगे कि गंगूबाई काठियावाड़ी यह जो शब्द है, यह किस काम से जुड़ा हुआ है और उस काम का क्या मतलब होता है, उस काम के क्या मायने होते हैं, वह काम क्यों किया जाता है, क्या उन मासूम बच्चों को इन सारी बातों का अर्थ समझाया जा सकता है।
यहां मैं यह सवाल इसलिए भी कर रहा हूं क्योंकि बहुत से मां-बाप थोड़ी सी पॉपुलरिटी के लिए, कुछ पैसों के लिए कभी मार्केटिंग या पीआर टीम का हिस्सा बनने के लिए इस तरह के काम कर बैठते हैं और करने के बाद उनको अहसास होता है कि यह जो उन्होंने कर दिया, इसे अगर उन्हें अपने बच्चे को एक्सप्लेन करना पड़ जाए कि यह क्यों किया गया और इसका मतलब क्या है, तो शायद उनकी हालत खराब हो जाएगी क्योंकि शायद वह उस बात का मतलब अपने बच्चों को समझ नहीं सकते। जाहिर है यह बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? हालांकि कंगना रनौत ने भी इस बात पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसी फिल्म के एक सीन का भी जिक्र किया है जिसमें ऐसा कहा जा रहा है कि जवाहर लाल नेहरू का भी एक सीन है, जिसे सेंसर बोर्ड ने हटाने के लिए कहा है, उस पर एक अलग बहस हो सकती है।
हमारे देश मे बहुत-सी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटीज है जो अपने पोलिटिकल एजेंडे को तय करने के लिए तरह-तरह के भ्रम, झूठ और मिथ फैलाती है। लेकिन एक बात जो हमें फिल्म की रिलीज से पहले दिख रही है कि वह यह कि हमें फिल्म का टाइटल पता है, फिल्म का सब्जेक्ट पता है और हम सोशल मीडिया में देख रहे हैं छोटे बच्चों को फिल्म के डायलॉग बोलते हुए। क्या हम इस समाज के लिए तैयार हैं जो हमारे बच्चों को यह बताता है कि गंगूबाई काठियावाड़ी क्या काम करती थी। उन पर फिल्म क्यों बनी, उसमें क्या दिखाया गया है, वह किस काम के लिए जानी जाती थी?
दोस्तो, यह सोचने-समझने का विषय है। बहुत कुछ पॉपुलर होता है सोशल मीडिया पर, लेकिन अगर हर उस काम में बच्चों को इस्तेमाल किया जाने लगे तो आप सोच सकते हैं कि इससे स्थिति कितनी भयावह हो सकती है। मैं आप लोगों से जानना चाहता हूं कि इस पर अपनी क्या राय रखते हैं। इन वीडियो में आप देख सकते हैं कि कम उम्र छोटे बच्चों को आलिया भट्ट की तरह, आलिया भट्ट जो गंगूबाई काठियावाड़ी का रोल कर रही हैं, उनकी तरह ड्रेस-अप कराके और उनकी तरह डायलॉग्स बुलवाए गए हैं। मैं इस प