फिल्ममेकर रामगोपाल वर्मा को हाल ही में लोगों ने बड़ी खरी खोटी सुनाई थी। खासकर तब जब उनकी एक फिल्म को रिलीज करने से कुछ सिनेमा घर मालिकों ने साफ इंकार कर दिया था। अब रामगोपाल वर्मा का जो ताजा बयान आया है द कश्मीर फाइल्स पर उसे सुनकर लगता है कि शायद वह लोगों का प्यार फिर से पाना चाहते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल्स वास्तव में गेम चेंजर साबित हुई है और इसने सारे मिथ तोड़कर रख दिए हैं कि एक फिल्ममेकर 10 करोड़ में फिल्म बनाता है और 250 करोड़ की कमाई करता है। उनसे सवाल आरआरआर को सामने रखकर पूछा गया था कि आप किसे गेम चेंजर मानते हैं आरआरआर को या द कश्मीर फाइल्स को। और उनका जवाब था असल मे गेम चेंजर जो है वह द कश्मीर फाइल्स है क्योंकि वह सिर्फ 10 करोड़ में बनी फिल्म है और कोई भी फिल्मकार 10 करोड़ में फिल्म बनाकर 250 करोड़ रुपये कमाने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। लेकिन अब सोच सकता है, सपने देख सकता है क्योंकि उस सपने को सच कर दिखाया है द कश्मीर फाइल्स ने।
यदि हम आरआरआर की बात करें तो वह फिल्म ही 500 करोड़ में बनी है। हर किसी के पास 500 करोड़ रुपये नहीं होते फिल्म बनाने के लिए। ऐसे में आरआरआर गेम चेंजर है यह कहना गलत होगा। अब इस बयान की तारीफ तो हो रही है लेकिन अगर हम रामगोपाल वर्मा को लेकर आई पिछले 2 से 3 दिन की खबरों पर गौर करें तो उन्हें काफी लपेटा जा रहा था। उनकी फिल्म को भी रिलीज करने से मना कर दिया गया था। तो तमाम बातें इस तरह से निकलकर आ रही थी जिसमें ऐसा लग रहा था कि रामगोपाल वर्मा किसी ऐसे स्टेटेटमेंट की तलाश में हैं जो उन्हें थोड़ा सा पॉजिटिव लाईट में दिखाए और उनकी पीआर टीम ने उन्हें बहुत अच्छी सलाह दी है कि वह द कश्मीर फाइल्स पर बात करें। तो कम से कम द कश्मीर फाइल्स के बहाने ही सही रामगोपाल वर्मा का जिक्र एक पॉजिटिव लाईट में जरूर हो रहा है। हां निश्चित तौर से यह बात अपने आप मे बिल्कुल सही है कि द कश्मीर फाइल्स वास्तव में गेम चेंजर है जो एक ऐसे सब्जेक्ट को सामने रखती है जो लोगों से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के बीच का है। यह एक ऐसी फिल्म है जो कम बजट में बनती है, कहीं प्रमोट नहीं होती है और लोग उसे खुद प्रमोट करके इतनी बड़ी फिल्म बना देते हैं।
वाकई में अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो आपको ऐसी कोई दूसरी फिल्म की मिसाल नही मिलेगी जिसे हम इस तरह की हिट फिल्म कह सकें, जो लोगों के बीच से आई, लोगों के सपोर्ट से चली और उस वक्त की सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई। यह बात भी सही है कि वाकई आरआरआर को द कश्मीर फाइल्स से कम्पेयर नहीं किया जा सकता जिसमें जाहिर है बड़ी स्टार कास्ट है, बड़ा बजट है, एक अलग तरह से तैयार हुई फिल्म है, पूरी दुनिया उसे प्रमोट करने में लगी है तो किसी तरह वह हजार करोड़ पर पहुंची है। तो फिर अगर आप अनुपात देखें 10 करोड़ और 250 करोड़ के बीच का और 500 करोड़ तथा 1000 करोड़ के बीच का, तो आरआरआर फिल्म ने सिर्फ दुगुना ही कमाया है द कश्मीर फाइल्स की तुलना में। और द कश्मीर फाइल्स तो 20 गुना से ज्यादा कमा चुकी है तो यह एक बहुत बड़ा अंतर है दोनों फिल्मों में। रामगोपाल वर्मा ने जो बात कही है इस वजह से वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने जो बात कही है वह बिल्कुल सही है। हां यह बात एक जगह है कि एक फिल्ममेकर होने के नाते अगर वह विवेक रंजन अग्निहोत्री से कुछ सीखना चाहते हैं तो वह सीख सकते हैं और उम्मीद है कि अगर वह सीखें तो शायद उनकी जो फिल्में आने वाली हैं उनके सब्जेक्ट कुछ इसी तरह के हों, जैसा विवेक रंजन अग्निहोत्री लेकर आए। उनकी आने वाली फिल्म को लेकर एलजीबीटी कम्युनिटी ने भी उन पर यही आरोप लगाया था कि आप हमारे नाम का इस्तेमाल करके कुछ और दिखाना चाहते हैं, पैसे कमाना चाहते हैं। खैर एक बार फिर से सुर्खियां बनी है रामगोपाल वर्मा की वजह से क्योंकि उन्होंने बयान दे दिया है द कश्मीर फाइल्स को लेकर। लेकिन उन्होंने जो कुछ भी बोला है वह सही बोला है। एक फिल्ममेकर के तौर पर अगर वह सीख लेना चाहें, सबक लेना चाहें विवेक रंजन अग्निहोत्री से तो ले सकते हैं। आप इसके बारे में क्या सोचते हैं? मुझे जरूर बताइएगा। मुझे इंतजार रहेगा आपके कमेंट्स का।