देश के किसी भी मुद्दे से जुड़ी हुई कोई कहानी जब भी बड़े पर्दे पर पेश की जाती है, तो उसको लेकर जमकर बवाल मचता है। हाल ही में आई द केरल स्टोरी को लेकर कितने वाद विवाद हुए हैं यह तो सभी जानते हैं और इनका सिलसिला लगातार जारी है। इसी बीच अब एक और फिल्म अजमेर 92 (Ajmer 92) पर विवाद शुरू हो गया है और फिल्म की कहानी को देखते हुए इसे बैन करने की मांग की जाने लगी है।
अजमेर 92 अजमेर हुए 100 से ज्यादा लड़कियों के रेप कांड की एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है। इससे जुड़ी जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक अजमेर दरगाह के खादिम फारुख चिश्ती पर 100 से लड़कियों के साथ रेप करने का आरोप लगा था, लेकिन लोगों ने बाद में बताया था कि यह संख्या सो नहीं बल्कि 300 थी। राजनीतिक रसूख और पहुंच के जरिए यह मामला दब गया था।
यह भी बताया जा रहा है कि इस कांड के अधिकांश आरोपी मुस्लिम थे और हैवानियत का शिकार हुई कई लड़कियों ने अपनी जान दे दी थी और उनके परिवार रातों-रात गायब हो गए थे। 1992 में हुए घटनाक्रम को अजमेर कांड के नाम से पहचाना जाता है। फिल्म की इस कहानी को देखते हुए इसे बैन करने की मांग की जा रही है और यह कहा जा रहा है कि यह धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करेगी। ये फिल्म 14 जुलाई को रिलीज होगी।