उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार जमीन धंस रही है जिसके चलते लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। आपदा पीड़ित परेशान होकर अब सरकार पर निशाना साध रहे हैं और उनका कहना है कि सरकार की नीतियों की वजह से ही यह मुसीबत आन पड़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 2 सालों से जोशीमठ और इसके आसपास के इलाकों की जमीन 6.5 सेमी या 2.5 इंच तक धस रही है।
देहरादून की एक संस्था की ओर से सेटेलाइट डेटा के इस्तेमाल से ये स्टडी की गई है। सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से यह पता चल रहा है कि जोशीमठ और इसके आसपास के इलाकों की जमीन तेजी से धंस रही है।
वहीं जिन लोगों के मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए राहत आश्रयों को पहचाना जा चुका है और उचित मुआवजा और राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं।