राजेश खन्ना इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार रहे हैं। कई ब्लॉकबस्टर में नजर आए इस कलाकार की सफलता की कहानी काफी चौंका देने वाली है। फिल्म आराधना से उनके करियर को नया मुकाम मिला, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म को बनाने वाले मेकर कभी इसे बनाना ही नहीं चाहते थे। लेकिन शायद इंडस्ट्री को एक सुपरस्टार मिलना था इसलिए ये फिल्म बनाई गई।
1969 में शम्मी कपूर की एक फिल्म आई थी एन इवनिंग इन पेरिस लेकिन इसके रिलीज के तीन दिन बाद देशभर में थिएटर मालिकों ने हड़ताल कर दी। ये फिल्म शक्ति सामंत ने ही बनाई थी। थिएटर बंद हो जाने से उन्हें बड़ा नुकसान हुआ हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने शम्मी कपूर के साथ एक और तुम जाने अंजाने बनाने के बारे में बात की। ये फिल्म बन पाती इससे पहले ही शम्मी की पत्नी गीता बाली का निधन हो गया। इसके बाद शम्मी डिप्रेशन में चले गए और पिक्चर नहीं बन पाई।
इधर शक्ति सामंत अपनी कोई फिल्म बनाना चाहते थे तो उन्होंने काम बजट की छोटी फिल्म बनाने का सोच कर नई कहानी ढूंढी। बजट कम था इसलिए कलाकार भी कम बजट वाला चाहिए था। इसलिए शक्ति ने राजेश खन्ना से बात की क्योंकि वो उस समय सिर्फ तीन फिल्मों में ही नजर आए थे। वहीं एक्ट्रेस के लिए किसी फेमस चेहरे को लेना था इसलिए शर्मिला टैगोर को अप्रोच किया गया। लेकिन फिल्म में हीरो की मां का किरदार होने के चलते उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया। हालांकि, बाद में सारी कहानी में बदलाव कर शर्मिला को मनाया गया।
कहानी शुरू होनी थी तभी शक्ति सामंत को पता चला की उनकी फिल्म का क्लाइमैक्स पहले से ही सुरेंद्र कपूर की फिल्म श्रीमान श्रीमती में मौजूद है। इस बात को लेकर उनका राइटर से झगड़ा भी हुआ। वो तंगी के दौर में भी फिल्म बनाने की सोच रहे थे लेकिन इस तरह की घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया।
सभी बातों से परेशान सामंत अपने स्टूडियो के नीचे टहल रहे थे तभी उनकी मुलाकात दो राइटर मधुसूदन केलकर जिन्होंने जाने अंजाने को लिखा और दूसरे राइटर थे गुलशन नंदा। दोनों ने सामंत से परेशानी का कारण पूछा और गुलशन नंदा ने उन्हें अपनी कहानी सुनाई। ये कहानी थी फिल्म कटी पतंग की जिसे सामंत ने बाद में बनाया। लेकिन जब पिछली फिल्म की बात निकली तो सामंत ने दोनों राइटर को सारी बात बताई। दोनों ने कहा कि आप कहानी बनाओ हम उसमे बदलाव कर देंगे। तीनों ने पूरी स्क्रिप्ट को फिर से लिखा और राजेश खन्ना को डबल रोल मिला।
फिल्म बनने के बाद डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इसमें हीरो के किरदार में बदलाव करने को कहा क्योंकि वो कही गई रोमांस कर रहे थे कही मां बोल रहे थे। सामंत ने चेंज करने से मना कर दिया और कहा कि ऑडियंस इस फिल्म को जरूर अपनाएगी। 1969 को इस फिल्म को पहले दिल्ली में रिलीज किया गया। एक हफ्ते में फिल्म हिट हो गई थी और जब इस मुंबई में रिलीज किया गया तब तक राजेश खन्ना के रूप में इंडस्ट्री को नया सुपरस्टार मिल चुका था। ये बहुत हैरानी वाली बात थी की इतने उतार चढ़ाव और मजबूरियों के बाद तैयार हुई फिल्म कामयाब साबित हुई। इसके बाद सामंत ने कटी पतंग भी बनाई। ये भी कहा जाता है कि इस फिल्म के बाद अगले 7 सालों तक राजेश खन्ना ने जिस भी प्रोजेक्ट पर हाथ रखा वो हिट साबित हुई। इस तरह से राजेश खन्ना के करियर को नई ऊंचाई मिली।