प्रदीप कुमार अपने समय के जाने माने सुपरस्टार थे। 1950-60 के दशक में उन्होंने काफी ऐतिहासिक और म्यूजिकल हिट फिल्में दी। जिनमें आंनद मठ, अनारकली, ताजमहल और बहू बेगम जैसी फिल्में शामिल हैं। वह हिंदी के साथ बांग्ला फिल्मों में भी काम करते थे और बाद में उन्होंने हॉलीवुड की गांधी में भी काम किया। हिंदी में भले ही वह म्यूजिकल और रोमांटिक सितारे थे मगर बांग्ला में उनकी गिनती शानदार अभिनेताओं में की जाती थी। इस तरह प्रदीप कुमार फिल्म उद्योग और यहां की अच्छाइयों-बुराइयों को खूब जानते थे। यही कारण था कि वह नहीं चाहते थे कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य फिल्मों में आए।
मगर ऐसा हो नहीं सका। एक समय ऐसा आया जब उनकी बेटी बीना ने फिल्मों में काम करने की ख्वाहिश जाहिर की। लेकिन प्रदीप कुमार ने उन्हें साफ मना कर दिया। वह जानते थे कि बॉलीवुड के लोग कैसे हैं। यहां बिना कारण के कोई किसी के काम नहीं आता। बीना पिता की इच्छा के विरुद्ध नहीं जा सकती थीं। उनकी शादी अजय बिस्वास से हुई, जो बांग्ला फिल्मों के एक्टर और डायरेक्टर थे। अजय बिस्वास की यह दूसरी शादी थी। 1963 में उनकी शादी राखी से हुई थी। वही राखी, जिन्होंने आगे चलकर बांग्ला और हिंदी फिल्मों शानदार अभिनेत्री के रूप में नाम कमाया। इस शादी के समय राखी किशोरावस्था में ही थीं। 1965 में अजय बिस्वास और राखी का का तलाक हो गया। शुरुआती दौर में सिर्फ राखी नाम से फिल्मों में काम करके शोहरत पाने वाली राखी, 1973 में गुलजार से शादी के बाद राखी गुलजार बनीं।
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