एक ऐक्टर हैं कुणाल कपूर, जिन्होंने हाल ही में मुगल बादशाह बाबर का किरदार निभाया है एक वेबसीरीज में जिसका नाम है: द एंपायर। कुणाल ने बहुत सारी बातों का खुलासा हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में किया है। कुणाल ने कहा है कि बॉलीवुड एक ऐसी जगह है जहां पर आप जब तक सफल हैं, लोग आपको पूछते हैं। जब आप असफल हो जाते हैं तो आपको कोई भाव नहीं देता और मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मैं नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से यहां आया हूं। उनका कहना है कि जिस वक्त मैं करिअर प्लान कर रहा था, मैं काफी कन्फ्यूज्ड था। मैं कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में गया। मैंने आम एक्सपोर्ट करने शुरू किए और कहीं कुछ बात बन नहीं रही थी, तभी एक दिन मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा कि एक ऐड एजेंसी जो किसी लंबे बाल वाले की तलाश कर रही है, क्या तुम उसके साथ काम करना पसंद करोगे, क्योंकि तुम्हारे बाल लंबे हैं? इसके बाद मैं स्क्रीन टेस्ट देकर आया और सिलेक्ट हो गया। वहां से एक नए सफर की शुरुआत हुई और फिर रंग दे बसंती जैसी फिल्म भी मिली।
कुणाल कहते हैं कि उस समय भी इंडस्ट्री में मेरे ऐसे कई दोस्त थे, जिन्होंने कहा था कि किसी आउटसाइडर को यहां नहीं आना चाहिए क्योंकि बतौर आउटसाइडर आप काफी अनसेफ (असुरक्षित) रहते हैं। आप नहीं जानते कि आपके करियर के साथ कब, क्या हो जाएगा। इसलिए आपका प्लान बी भी तैयार रखना। कुणाल कहते हैं कि उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। आजा नच ले जैसी फिल्म भी की, रंग दे बसंती के बाद और काफी सुर्खियों में भी रहे। फिर उन्होंने वह वक्त भी देखा कि कोई पूछने वाला नहीं था। कुणाल कहते हैं कि मैंने जो कैरेक्टर प्ले किया है, बाबर का वह काफी इमोशनली वल्नरेबल है क्योंकि वह बहुत से दूसरे लोगों पर निर्भर करता है। कुणाल ने यह भी कहा कि बहुत से ऐसे एक्टर हैं, इन्फेक्ट ज्यादातर ऐक्टर्स ऐसे हैं जो अपनी सफलता के लिए दूसरों पर निर्भर करते हैं कि उन्हें प्रोड्यूसर कैसा मिलेगा, डायरेक्टर कैसा मिलेगा, रोल कैसा मिलेगा, फिल्म कैसी मिलेगी और इन सब पर निर्भर करता है कि उनकी पहचान क्या बनेगी। यानी उनको वेलीडेशन मिलेगा या नहीं।
उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है जहां पर आपके कल का कोई पता नहीं होता, आपके साथ कोई खड़ा नहीं होता, जब तक कि आप एक बिकने वाला चेहरा नहीं हैं। और अगर आप किसी वजह से बिकना बंद हो जाते हैं यानी आपकी सफलता आपसे दूर चली जाती है तो लोग आपको पहचानने तक से इंकार कर देते हैं। इस इंटरव्यू में उन्होंने काफी सारी बातें खुलकर कहीं है और मुझे लगता है कि काफी कुछ सच बोला है उन्होंने। अपने स्ट्रगल टाइम के बारे में भी उन्होंने बताया है कि कैसे मैं एक बिल्कुल नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से यहां आया और उसके बाद अपनी जगह बनाई और फिर एक ऐसा वक्त भी मैंने देखा जब मेरे पास काम नहीं था। अब मैं फिर से कोशिश कर रहा हूं और एक बात यहां पर जो समझने वाली है कि फिल्म इंडस्ट्री का जो सच है वह यह कि उगते सूरज को सब सलाम करते हैं और अगर आपका सूरज डूबने लगे तो, आपको पहचानने से मना कर देते हैं।
कुणाल ने खुलकर इंटरव्यू में इसके बारे में बात की है। कुणाल के इस इंटरव्यू को मैं यहां पर इसलिए शेयर कर रहा हूं क्योंकि बहुत से लोग बॉलीवुड का सच जानना चाहते हैं और बॉलीवुड का सच ऐसे ही लोगों के जरिए सामने आता है जो खुद उस जिंदगी को जी रहे होते हैं। कुणाल कपूर जैसे ऐक्टर्स काफी कम हैं जो नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से आए हैं। खुद को साबित भी करते हैं। फिर इंडस्ट्री के बारे में सच भी बोलते हैं। आप मुझे बताइए कि कुणाल की इन सारी बातों को सुनकर आप क्या सोच रहे हैं और क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड क्या वाकई सिर्फ और सिर्फ उगते सूरज को ही सलाम करता है।