एक एक्टर हैं, बिजय आनंद। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे क्योंकि इस वैक्सीन पर उन्हें विश्वास नहीं है। उनका यह भी कहना है कि कोरोना की वैक्सीन एक घोटाला है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि मेरा जो शरीर है वह मंदिर रूपी है और इसमें मैं किसी को भी वैक्सीन नहीं डालने दूंगा। यह बात मैं क्यों उठा रहा हूं, उस पर बहुत गौर करने की जरूरत है। बात इसलिए उठाई जा रही है क्योंकि ये जो बिजय आनंद हैं, ये फिल्म शेरशाह में कियारा आडवाणी के पिता के रोल में नजर आए थे। इसके अलावा हाल ही में आलिया भट्ट का एक जो एड आया है वेडिंग ब्रांड पर, उसमें भी ये आलिया के साथ दिखाई दे रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि अगर इन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है और न ही ये लगवाने वाले हैं तो फिर ऐसे एक्टर को फिल्मों और एड के सेट पर क्यों आने की इजाजत दी गई। आप सभी जानते हैं कि एक फिल्म के सेट पर बहुत सारे लोग होते हैं और बहुत ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि आप बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं। जहां पर शूटिंग होती है, वहां कैमरे का क्रू होता है, लाइटमैन होते हैं, मेकअप आर्टिस्ट होते हैं। और बहुत सारा सपोर्टिंग स्टाफ होता है। उन सबके बीच आप एक ऐसे एक्टर को अलाउ करते हैं, जो न सिर्फ वैक्सीन नहीं लगवाता बल्कि पब्लिकली ये स्टेटमेंट भी देता है यानी लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करता है कि उन्हें वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। अपने आप में यह बहुत बड़ी चिंता करने वाली बात है। बहुत से लोग जो किसी वजह से वैक्सीन नहीं लगा पाए थे, वो बहुत-सी शूटिंग क्रू में शामिल नहीं हो पाए। बहुत से लोगों को मौका नहीं मिला। खैर अब बात अलग है। अब बहुत सारे लोगों को वैक्सीन लग चुकी है लेकिन आप सोचिए जिस समय शेरशाह बन रही थी या जिस समय ये एड शूट हुआ, उस वक्त आप ऐसे एक्टर को सेट पर इजाजत देते हैं जिसने वैक्सीन नहीं लगाई है। ये दो तरह के गलत संदेश देता है।
एक तो आप ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जो दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं, यह कहकर कि वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। दूसरा यह कि आप बहुत सारे लोगों की जान का खतरा बढ़ा रहे हैं। इस पर जवाब कौन देगा। एक और बात जो यहां पर समझनी होगी। इन जनाब ने कहा है कि इन्हें बहुत सारी फिल्में छोड़ देनी पड़ी। बहुत-सी जगहों पर ये जा नहीं पाए। इनकी बिटिया लंदन जा रही थी, पहली फिल्म शूट करने, ये उससे भी नहीं मिल सकते। ये कुंडलिनी योग भी सीखाते हैं और इनके जो बहुत सारे स्टूडेंट्स हैं, वो इन्हें अलग-अलग देशों में बुला रहे हैं लेकिन ये वहां भी नहीं जा रहे हैं। जाहिर है बिना वैक्सीन के कोई भी देश इन्हें इजाजत देगा नहीं। इनका यह कहना है कि ये सब कुछ छोड़ देंगे। कोई भी नौकरी, कोई भी फिल्म, कोई भी शूट कुछ भी छोड़ देंगे। लेकिन अपने मंदिर रूपी शरीर मे ये उस केमिकल को नहीं डालना चाहते। ये बात बहुत चिंता बढ़ाने वाली है।
एक ऐसी महामारी जिससे पूरी दुनिया जूझ रही है, जहां हर सेलेब्रिटी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करके लोगों के बीच ये संदेश देना चाहता है, एक इंसानियत की ड्यूटी के नाते कि आप वैक्सीन लगवाइए, मास्क का इस्तेमाल करिए, सेनिटाइजर से हाथ धोइए, सामाजिक दूरी का ख्याल रखिए। उस सबके बीच एक ऐसा एक्टर भी है, जो कहता है कि मैं तो फिल्में करना छोड़ दूंगा लेकिन वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा और ऐसे लोगों को काम भी मिल रहा है। ये दो उदहारण तो मैंने आपको बता ही दिए। एक वो वेडिंग ब्रांड वाला एड जो उन्होंने आलिया भट्ट के साथ किया और एक शेरशाह फिल्म जिसमें वह कियारा आडवाणी के पिता के रूप में दिखाई दिए। यह अपने आप में बहुत बड़ी चिंता खड़ी करती है। यह पूरी बात।
व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है की इन प्रोडक्शन कंपनियों से पूछा जाना चाहिए की बिजय आनंद को बिना वैक्सीनेशन के शूट पर आने की क्यों इजाजत दी गई। क्या उन्हें ये बताया नहीं गया था, क्या उनसे किसी ने पूछा नहीं कि उन्होंने वैक्सीन लगवाया या नहीं। और ये तो बिजय आनंद का मामला सामने आ गया है। ऐसे और कितने हैं जो वैक्सीन नहीं लगवा रहे और उन्हें सबके बीच बुलाकर, सबके बीच रखकर बहुत से लोगों की जान का खतरा बढ़ाया जा रहा है। ये बहुत बड़ा सवाल है। मैं चाहता हूं अगर आप इस मुद्दे पर अपनी कोई राय रखते हों तो कमेंट करके बता सकते हैं ताकि हम समझ सकें कि इस पूरे मुद्दे पर हमारे देश की क्या सोच है।