सुभाष घई फिल्मों में आए तो ऐक्टर बनने के लिए थे। उन्होंने 1970 के दशक में ऐक्टिंग के एक टैलेंट हंट में हिस्सा लिया था और फर्स्ट थ्री में रहे थे। इस टैलेंट हंट में उनके साथ चुने गए एक्टरों में थे राजेश खन्ना और धीरज कुमार। फिल्म आराधना और तकदीर में उन्हें छोटे-छोटे रोल मिले। फिर बतौर हीरो उमंग और गुमराह में दिखे। लेकिन एक्टिंग में उनका करियर बन नहीं रहा था। नतीजा यह कि उन्होंने खुद को राइटिंग-डायरेक्शन में मोड़ लिया। शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर फिल्म कालीचरण से बतौर निर्देशक नई शुरुआत की। आम धारणा यही है कि सुभाष घई अपनी फिल्मों के एकाध सीन में जरूर दिखते हैं क्योंकि वह ऐक्टर बनने आए थे। लेकिन ऐसा नहीं है। अपनी शुरुआती फिल्मों में घई कहीं नजर नहीं आते। असल में एक घटना ने उन्हें अपनी फिल्मों में एक झलक दिखाने का आइडिया दिया और सिलसिला चल पड़ा।
कालीचरण, विश्वनाथ और गौतम गोविंदा में घई पूरी तरह से पर्दे के पीछे रहे। फिर नंबर आया ऋषि कपूर के साथ कर्ज बनाने का। इस फिल्म में शुरुआती टाइटल के साथ गाना चलता है, पैसा ये पैसा…। इसमें स्टेज पर ऋषि कपूर नाच-गा रहे हैं और ऑडिटोरियम में लोग देख रहे हैं। इस गाने के दौरान एक व्यक्ति कॉमिक अंदाज में जोर से बोलता है, पैसा…। इस एक सीन के लिए शूटिंग के दिन सुभाष घई ने एक मोटे आदमी को बुलवाया था। ताकि गाने के बीच में दर्शकों को थोड़ा-सा कॉमिक रिलीफ मिले। शूटिंग के दौरान घई उस मोटे व्यक्ति का इंतजार करते रहे। मगर जब वह नहीं आया तो घई ने फैसला किया कि वह खुद ही गाने में जोर से बोलेंगे, पैसा…। यह सीन शूट हुआ। आप इस गाने को और उसमें सुभाष घई को यूट्यूब पर देख सकते हैं। इसके बाद घई ने तय किया कि वह अब अपने निर्देशन में आने वाली फिल्मों के किसी गाने में अपनी झलक दिखाएंगे।
कर्ज के बाद क्रोधी और विधाता बनाते समय सुभाष घई को बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और वह शूटिंग मैनेजमेंट ही व्यस्त रहे। लेकिन फिल्म हीरो (1983) के साथ चीजें पूरी तरह उनके नियंत्रण में आ गईं और उन्होंने अपनी तमाम फिल्मों में फिर कैमियो करने शुरू कर दिए। हीरो में वह गाने बेबी सिंग अ सांग में… नजर आए और इसके बाद लगातार खलनायक, राम लखन, परदेस और ताल में दिखे। शो मैन सुभाष घई के फैन्स को इस बात का इंतजार रहने लगा कि यह डायरेक्टर अपनी फिल्म में किस मोड़ पर दिखाई देगा। सुभाष घई का दिखना फिल्म में चर्चा का विषय बन गया। कुछ समय पहले ओटीटी के लिए बनाई गई फिल्म 36 फार्म हाउस में भी उन्हें देखा जा सकता है। (यह तमाम जानकारियां पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं)